LPG सिलेंडर पर 300 रुपये सब्सिडी वाली योजना को लेकर बड़ा ऐलान, पीएम उज्ज्वला योजना के लिए 12000 करोड़ मंजूर
एक दिन पहले मोदी सरकार ने देश के 12 देशों के आदिवासियों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लिए केंद्रीय समिति ने शुक्रवार को 12000 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। मतलब एलपीजी गैस सिलेंडर पर मिलने वाली रियायती महिलाएं के खाते में रहेंगी। देश में अभी तक 10.33 करोड़ से ज्यादा महिलाएं वीजा योजना के तहत गैस घोटाले का फायदा उठा रही हैं।
इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को एक साल के अंदर 14.2 बच्चों वाले 9 गैस योजनाओं पर 300 रुपये प्रति योजना की छूट दी गई है। यह सामान्यतः सीधे परिवार की महिला मुखिया के खाते में आती है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी साल में 9 साल में 9 साल की बिक्री होती है तो उन्हें 2700 रुपये की छूट सरकार से मिलेगी। साल 2025-26 में भी इस योजना का लाभ महिलाओं को मिल रहा है, इसका बजट 12000 करोड़ रुपये के करीब कर दिया गया है।

क्या है ये योजना
वर्ष 2016 में गरीब परिवारों (बीपीएल) और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति परिवार की महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन की सुविधा प्रदान करने के लिए हुई ताजिया योजना शुरू हुई। यही नहीं साल में 9 दलालों की खरीद पर प्रति दलाल 300 रुपये की छूट भी है। यदि कोई 5 बच्चों वाला मोटरसाइकिल का उपयोग करता है, तो उसी के खाते से लाइसेंस प्राप्त होता है। 14.2 बच्चों के साथ गैस कनेक्शन लेने वाली महिला को करीब 2200 रुपए का सामान बिना कोई पैसा दिए जमा होता है। इसमें बिज़ैम कार्ड, दस्तावेज़ रेगुलेटर, पाइप, घरेलू गैस उपभोक्ता पुस्तिका और सक्सेस चार्ज शामिल हैं।
बिजली योजना 2.0 में पहला रिफिल और गैस चूल्हा भी मुफ्त। अगर कोई महिला 5 बच्चों का सामान बेचती है तो उन्हें भी करीब 1300 रुपये तक का सामान बिना किसी डॉक्टर के दिया जाता है। रिफ़िल या चूल्हे के लिए किसी भी प्रकार का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। इसका खर्च केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के तेल विपणन कंपनियों के माध्यम से किया जाता है।
पहले 200 स्टॉकिंग्स
प्रधानमंत्री जयाजा योजना के तहत सब्सिडी बनाने वाली कंपनी तक रसोई गैस की रीच बनाने और उन्हें बनाने के लिए पहले 12 पैकेज पर 200 रुपये प्रति उत्पाद दिए गए थे। बाद में गैस सप्लाई की संख्या में कमी आई। इस योजना का उद्देश्य यह है कि भले ही बेरोजगार परिवारों के घरों में उत्क्रमण-पृथक्करण रहे, लेकिन इसका असर गरीबों पर न पड़े। 2019-20 में उजाला योजना के तहत औसत प्रति व्यक्ति परिवार करीब 3 योजनाएं थी, जो 2022-23 में उछाल 3.68 हो गया। वर्ष 2024-25 में यह 4.47 हो गया।