Mudra yojana: केंद्र सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जिसमें कारोबार करने के लिए बैंक लोन देते हैं। ऐसी ही प्रधानमंत्री मुद्रा योजना भी है। इस योजना के तहत आप 20 लाख रुपये तक का लोन लेकर अपना काम कर सकते हैं। हालांकि, योजना के एनपीए में इजाफा भी हुआ है। आइए योजना के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
योजना के बारे में
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना यह सुनिश्चित करती है कि सदस्य ऋणदाता संस्थाओं (एमएलआई) यानी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) द्वारा 20 लाख रुपये तक का कोलेटरल-फ्री संस्थागत लोन दिया जाए।

इस योजना के तहत चार कैटेगरी – ‘शिशु’, ‘किशोर’ ‘तरुण’ और ‘तरुण प्लस’ के तहत लोन दिए जाएंगे। शिशु के तहत 50,000/- रुपये तक के लोन मिलते हैं। वहीं, किशोर के तहत 50,000/- रुपये से 5 लाख रुपये तक के लोन मिल जाते हैं। तरुण में 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का लोन शामिल है। वहीं, तरुण प्लस के तहत 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक के ऋण मिलते हैं।
एनपीए में उछाल
सरकार ने संसद को बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बकाया कर्ज मामले में अनुसूचित कॉमर्शियल बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) मार्च 2025 तक बढ़कर 9.81 प्रतिशत हो गई। मार्च 2018 में यह 5.47 प्रतिशत थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मार्च 2025 तक बैंकों के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत वितरित ऋण राशि पर एनपीए की दर 2.19 प्रतिशत है जो मार्च 2018 के अंत में 2.71 प्रतिशत थी।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएमएमवाई के तहत एनपीए की दर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) की औसत एनपीए दर से अधिक है। उन्होंने एमएसएमई के लिए एनपीए के संबंध में कहा कि मार्च 2025 तक बकाया राशि के मुकाबले यह 3.60 प्रतिशत थी।