कई बार पति-पत्नी अलग-अलग बीमा कराते हैं. वे अलग-अलग प्रीमियम भरते हैं. कई बार दोनों की बीमा के टर्म्स एंड कंडीशंस भी अलग-अलग होते हैं. अलग-अलग पेपरवर्क भी करना पड़ता है. लेकिन, अगर पति-पत्नी का रिश्ता और प्यार साझा है, तो इंश्योरेंस पॉलिसी अलग-अलग क्यों? इसी सोच के साथ भारतीय डाक (India Post) ने एक स्पेशल लाइफ इंश्योरेंस स्कीम शुरू की है. पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (Postal Life Insurance – PLI) की ज्वॉइंट लाइफ एश्योरेंस युगल सुरक्षा प्लान (Yugal Suraksha Plan) उन शादीशुदा जोड़ों के लिए है, जिसमें एक ही पॉलिसी में दोनों को कवर मिलेगा. इस पॉलिसी की खास बात यह है कि एक ही प्रीमियम में पति-पत्नी दोनों को बीमा कवरेज और बोनस का लाभ मिलता है, जिससे यह योजना वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ परिवार के भविष्य की भी गारंटी देती है.

पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस (PLI) भारत की सबसे पुरानी लाइफ इंश्योरेंस स्कीम है. इसे 1 फरवरी 1984 को लॉन्च किया गया था. शुरुआत में ये स्कीम सिर्फ पोस्टल एम्प्लॉयी के लिए थी. फिर 1888 में टेलीग्रॉफ डिपार्टमेंट में भी इसे चालू किया गया. फिर सेमी गर्वनमेंट वालें भी इसके दायरे में आ गए. अब इसका दायरा और बढ़ा दिया गया है. अब ये ग्रामीण इलाकों तक किसान-मजदूरों तक के लिए भी उपलब्ध है. इंडिया पोस्ट और मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट इस स्कीम को ऑपरेट करता है. PLI ने ही तत्कालीन P&T डिपार्टमेंट की महिला कर्मचारियों को 1894 में कवर देना शुरू किया. उस समय कोई कंपनी महिला कर्मचारियों को लाइफ इंश्योरेंस कवर नहीं देती थी.
युगल सुरक्षा प्लान की खास बातें
- स्कीम का फायदा लेने के लिए कपल की उम्र 21 से 45 साल के बीच होनी चाहिए.
- सीनियर पॉलिसीहोल्डर की मैक्सिमम एज 45 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
- पॉलिसी का मिनिमम टेन्योर 5 साल और मैक्सिमम टेन्योर 20 साल होना चाहिए.
- इस स्कीम में पति या पत्नी में कोई एक PLI के पात्र होने चाहिए.
- युगल सुरक्षा योजना में मिनिमम कवर 20000 होनी चाहिए.
- मैक्सिमम कवर 50 लाख रुपये तय की गई है.
- ये स्कीम कम प्रीमियम में ज्यादा बोनस देती है.
- 3 साल बाद इसपर लोन लिया जा सकता है.
- 3 साल के बाद पॉलिसी सरेंडर भी कर सकते हैं.
- 5 साल पूरे होने से पहले सरेंडर करने पर बोनस नहीं मिलता है.
- बोनस-हर साल 1000 एश्योर्ड सम पर 52 रुपये है.
- पति-पत्नी में किसी की मौत पर डेथ बेनिफिट मिलता है.
कौन ले सकता है ये स्कीम?
- केंद्रीय सरकार के कर्मचारी
- राज्य सरकार के कर्मचारी
- रक्षा सेवाओं के कर्मचारी
- अर्धसैनिक बल (Para Military Forces) के कर्मचारी
- स्थानीय निकाय (Local Bodies) के कर्मचारी
- सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान के कर्मचारी.
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के कर्मचारी
- PSU के कर्मचारी
- वित्तीय संस्थान के कर्मचारी
- राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्मचारी
- स्वायत्त संस्थान के कर्मचारी
- डाक विभाग के अतिरिक्त विभागीय एजेंट.
- केंद्रीय/राज्य सरकार के कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त कर्मचारी
- डीम्ड यूनिवर्सिटी और मान्यता प्राप्त निकायों (NAAC, AICTE, MCI आदि) से मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारी.
- डॉक्टर
- इंजीनियर
- मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स
- चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (ICAI से रजिस्टर्ड)
- आर्किटेक्ट्स
- वकील (Bar Council of India/States से रजिस्टर्ड)
- बैंकर
- NSE और BSE में लिस्टेड कंपनियों के कर्मचारी
- IT, बैंकिंग और फाइनेंस
- हेल्थकेयर/फार्मा
- ऊर्जा/पावर
- टेलीकॉम
- इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर
कैसे तय होता प्रीमियम?
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पति-पत्नी की उम्र में अंतर होता है. ऐसे में उनका एक्विवेलेंट एज निकालना होता है. अगर पति-पत्नी की उम्र में अंतर एक साल है तो मान 1 जुड़ेगा. अगर 5 साल का अंतर है, तो 3 जुड़ेगा और अगर 10 साल का अंतर है तो 6 जुड़ेगा. अगर 20 साल का फर्क है तो 14 जुड़ेगा. अगर 24 साल का फर्क है तो अपवाद ही होता है तो 24 जुड़ेगा.
प्रीमियम का कैलकुलेशन कैसे होगा?
अगर पति-पत्नी की एक्विवेलेंट एज 30 साल आ रही है और वे पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस की युगल सुरक्षा पॉलिसी के तहत 50 लाख रुपये की बीमा राशि लेना चाहते हैं, तो उन्हें चुने गए टर्म (Policy Term) के अनुसार मासिक प्रीमियम देना होगा.
टैक्स में कितनी मिलेगी छूट?
आप 6 महीने और 12 महीने की पॉलिसी पर 1% और 2% की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.