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LIC Yojana Details भारतीय जीवन बीमा के बारे में अधिक जानकारी, बीमा अनुबंध, सुरक्षा, पालिसी और अन्य

Published On: August 13, 2025
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अपने जीवन बीमा के बारे में जानें
भारत में जीवन बीमा की शुरुआत 100 वर्ष पहले हुई थी। हमारे देश में, जो दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है, बीमा की प्रमुखता को उतना व्यापक रूप से नहीं समझा जाता है, जितना समझा जाना चाहिए। एलआईसी के विशेष संदर्भ के साथ पाठकों को जीवन बीमा की कुछ अवधारणाओं से परिचित कराने का एक प्रयास है। बहरहाल, यह बात ध्यान रखने योग्य है कि यहां हम जो कुछ भी बताने जा रहे हैं, वह एलआईसी की किसी पॉलिसी के नियम/ शर्तों या उसके लाभों या विशेषाधिकारों का विस्तृत ब्यौरा नहीं है. हालांकि, यह स्पष्ट रूप से समझा जाना चाहिए कि निम्नलिखित सामग्री किसी भी तरह से एलआईसी पॉलिसी या इसके लाभों या विशेषाधिकारों के नियमों और शर्तों का विस्तृत विवरण नहीं है। बहरहाल, यह बात ध्यान रखने योग्य है कि यहां हम जो कुछ भी बताने जा रहे हैं, वह एलआईसी की किसी पॉलिसी के नियम/ शर्तों या उसके लाभों या विशेषाधिकारों का विस्तृत ब्यौरा नहीं है. विस्तृत जानकारी के लिए हमारे शाखा या मंडल कार्यालय से संपर्क करें. कोई भी एलआईसी अभिकर्ताआपकी आवश्यवता के अनुरूप पॉलिसी का चुनाव करने और उसके भुगतान में आपकी मदद करके खुश होगा.



जीवन बीमा क्या है?
जीवन बीमा एक अनुबंध है जो बीमित व्यक्ति (या उसके नामांकित व्यक्ति) को बीमाकृत घटना के घटित होने पर एक राशि का भुगतान करने का वचन देता है।
अनुबंध इस दौरान बीमाकृत राशि के भुगतान के लिए वैध है:
परिपक्वता की तारीख, या
आवधिक अंतराल पर निर्दिष्ट तिथियां, या
दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु, यदि यह पहले हो।
अन्य बातों के अलावा, अनुबंध पॉलिसीधारक द्वारा निगम को समय-समय पर प्रीमियम के भुगतान का भी प्रावधान करता है। जीवन बीमा को सार्वभौमिक रूप से एक ऐसी संस्था के रूप में स्वीकार किया जाता है, जो ‘जोखिम’ को समाप्त करती है, अनिश्चितता के स्थान पर निश्चितता को प्रतिस्थापित करती है और कमाने वाले की मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में परिवार को समय पर सहायता प्रदान करती है।
कुल मिलाकर, जीवन बीमा सभ्यता में मृत्यु से उत्पन्न समस्याओं का आंशिक समाधान है। संक्षेप में, जीवन बीमा का संबंध दो खतरों से है जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पथ पर आते हैं:
एक आश्रित परिवार को अपने हाल पर छोड़कर समय से पहले मर जाना।
बिना किसी प्रत्यक्ष सहारे के बुढ़ापे तक जीवित रहना।


जीवन बीमा बनाम अन्य बचतें
बीमा अनुबंध:
बीमा अनुबंध चरम सद्भावनापूर्ण अनुबंध होता है, जिसे तकनीकी तौर पर “चरम विश्वास” कहा जाता है। तमाम महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा करने का सिद्धांत इसी महत्वपूर्ण सिद्धांत पर आधारित है, जो हर तरह के ख मे पर लागू होता है. पालिसी लेने के समय पालिसी धारक को सुनिश्चित कराना चाहिए कि प्रस्ताव प्रपत्र में पूछे गये तमाम सवालों के सही जवाब दिये जायें ब कोई भी .गलतबयानी , किसी भी ची.ज का खुलासा न करना या किसी दस्तावे.ज में धोखाधड़ी करके जोखिम य स्वीकार ‘ कराना बीमा अनुबंध को अमान्य और निरस्त कर देता है।


सुरक्षा:
जीवन बीमा की मा.र्फत की जाने वाली बचत बचतकर्ता की मृत्यु हो जाने पर जो.खिम के र्खिंला.फ सुरक्षा की पूरी गारंटी देता है ब यही नहीं , निधन की स्थिति में जीवन बीमा पूरी बीमित राशि का भुगतान ( मय अधिलाभ ों के जहां अधिलाभमिलते हैं ) आश्र्वस्त कराता है ब जबकि दूसरी बचतों में सि.र्फ बचत की राशि मय ब्याज के अदा की जाती है


समृद्धि बढ़ाने में मदद:
जीवन बीमा समृद्धि को प्रोत्साहन देता है ब यह दीर्घकालिक बचत का अवसर प्रदान करता है क्योंकि प्लान में निहित आसान किस्तों में आसानी से भुगतान किया जा सकता है ब (मसलन्‌ प्रीमियमों का भुगतान या तो माहवार, तिमाही, छमाही या सालाना किस्तों में किया जाता है) उदाहरणार्थ यवेतन बचत योजना’ (जिसे आम तौर पर यएसएसएस’ के नाम से जाना जाता है) के तहत बीमित व्यक्ति के वेतन से माहवार कटौती की मा.र्फत प्रीमियम के भुगतान का आसान उपाय मुहैया करती है इस तरह के मामलों में नियोक्ता काटी गयी प्रीमियमें सीधे एलआईसी को अदा कर देता है ब वेतन बीमा प्लान किसी भी संस्थान या प्रतिष्ठान के लिए आदर्श प्लान होती है , अलबत्ता इसके साथ कुछ नियम/ शर्तें जु ड़ी होती हैं

नकदी:
बीमा बचत के मामले में किसी ऐसी पालिसी की जमानत पर जो .क.र्ज मूल्य प्राप्त कर चुकी हो , .क.र्ज मिलना आसान होता है . इसके अलावा , जीवन बीमा पालिसी को व्यावसायिक .क.र्ज की जमानत के रूप में भी स्वीकार किया जाता है

ढकर राहत:
आय कर और संपत्ति कर कटौती के उपयोग का भी जीवन बीमा सबसे उपयुक्त उपाय है ब जीवन बीमा की प्रीमियमों के रूप में अदा की जाने वाली राशि पर यह सुविधा उपलब्ध है , जो लागू आय कर दरों पर निर्भर करती है
करदाता कर .कानून के प्रावधानों का लाभ उठाकर करों में रिआयत पा सकता है . इस तरह के मामलों में बीमित व्यक्ति को दूसरी तरह की प्लान के मु.काबले छोटी प्रीमियमें भरती होती हैं

जरूरत के समय पैसे:
उपयुक्त बीमा प्लान वाली पालिसी लेकर या कई अलग – अलग योजनाओं के समुय वाली पालिसी लेकर समय – समय पर पैदा होने वाली पैसों की .जरूरत को पूरा किया जा सकता है बच्चों की पढ़ाई – लिखाई, गृहस्थी शुरू करने या शादी के. खर्चों या किसी. खास व.क्.फे में पैदा होने वाली मौद्रिक .जरूरतों को पूरा करना इन पालिसियों की मदद से आसान हो जाता है इसके विपरीत पालिसी के पैसे व्यक्ति के सेवानिवृत्ति होने पर मकान बनवाने या दूसरे निवेशों जैसे कामों के लिए उपलब्ध हो सकते हैं इसके अलावा , पालिसी धारकों को मकान बनवाने या .फ्लैट .खरीदने के लिए .क.र्ज भी उपलब्ध कराया जाता है ( हालांकि इसके साथ कुछ शर्तें लागू होती हैं )



कौन खरीद सकता है पालिसी:
कोई भी वयस्क स्त्री – पुरुष जो वैध अनुबंध कर सकता है अपना और उनका बीमा करा सकता है जिनके साथ उनके बीमा कराने योग्य हित जुड़े हों व्यक्ति अपने पति / या पत्नी या बों का भी बीमा करा सकता है लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें जु ड़ी होती हैं ब बीमा प्रस्तावों को स्वीकार करते समय निगम व्यक्ति के स्वास्थ्य , उसकी आय और दूसरे प्रासंगिक कारकों पर विचार करता है



स्त्रियों के लिए ख मा :
राष्ट्रीयकरण ( 1955 ) से पहले कितनी ही बीमा कंपनियां स्त्रियों का बीमा करने के लिए अतिरिक्त प्रीमियमें लेती थीं या कुछ अवरोधक शर्तें लगाती थीं. बहरहाल, राष्ट्रीयकरण करने के बाद से जिन शर्तों पर औरतों का जीवन बीमा किया जाता है, उन शर्तों की समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है आज की तारी.ख में कमाने वाली कामकाजी औरतों को मर्दों के समतुल्य माना जाता है . दूसरे मामलों में निवारक शर्त लगायी जाती है . वह भी सि.र्फ तब जब औरत की उम्र ३० वर्षतक हो और कराधान सीमा में आने लायक उसकी आमदनी न हो.



चिकित्सकीय गैर चिकित्सकीय प्लान:
आम तौर पर जीवन बीमा बीमित व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच के बाद किया जाता है . बहरहाल , जीवन बीमा को व्यापक प्रसार देने और असुविधाओं को टालने के लिए जीवन बीमा निगम बिना डाक्टरी जांच के बीमा सुरक्षा देने लगा है , जिसके साथ कुछ शर्तें जु ड़ी होती हैं.



लाभपूर्ण और बिना लाभ की प्लान:
कोई बीमा पालिसी लाभ आधारित हो सकती है या बिना लाभ की भी हो सकती है ब लाभ आधारित पालिसियों के मामले में घोषित अधिलाभकी, अगर इस तरह के अधिलाभकी घोषणा की गयी हो , एक निश्चित अवधि पर होने वाले नियमित मूल्यांकनों के बाद पालिसी के साथ आवंटन किया जाता है और अनुबंधित राशि के साथ उनका भुगतान देय होता है.

प्रीमियमों की राशि इसीलिए लाभ रहित पालिसियों के मु.काबले .ज्यादा होती है.



कीमैन बीमा:
कीमैन बीमा व्यापारिक कंपनियां / कंपनी को अपने महत्वपूर्ण कर्मचारियों के असामयिक निधन से होने वाले वित्रीय नुकसान से बचाने के लिए करती हैं.

PriyaBhatt

Mgmschool.in - MCA Graduate | Age: 25 | Languages: Hindi & English Experienced content creator with 5+ years in the field of educational news, government job updates, public welfare schemes, and career guidance. Passionate about delivering accurate and helpful information to empower students and job seekers across India.

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