प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 11 साल पूरे हुए. उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बीते सालों में कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य समाज के हर वर्ग को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना रहा है. खासकर महिलाओं, किसानों, कामगारों, युवाओं और छोटे कारोबारियों को ध्यान में रखते हुए जो योजनाएं लागू की गईं, वे आज “गेमचेंजर स्कीम” के रूप में जानी जा रही हैं. इन योजनाओं ने न केवल लोगों के जीवन स्तर को बेहतर किया, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर देश को मजबूत आधार भी दिया. आइए जानते हैं ऐसी 5 प्रमुख योजनाओं के बारे में, जिनका लाभ करोड़ों लोग उठा रहे हैं.
पीएम किसान योजना (PM-KISAN)
किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार पीएम किसान योजना चला रही है. इसके तहत सरकार देश के स्मॉल और मार्जिनल किसानों को हर साल 6000 रुपये की सहायता सीधे उनके बैंक खाते में भेजती है. इस साल फरवरी के महीने में योजना के तहत सरकार ने 9,88,42,900 यानी 9.88 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी किसानों को 22,270.45 करोड़ रुपये 19वीं किस्त के रुप में भेजे थे. योजना की अगली किस्त भी जल्द हीं लाभार्थियों को मिलेगी.
आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY)
देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले भारी खर्च को कम करने, गरीब और कमजोर वर्गों को इलाज की आर्थिक सुरक्षा देने और सभी के लिए स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage) की दिशा में बढ़ने के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई. इसके तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के माध्यम से 55 करोड़ से अधिक भारतीयों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज दिया गया है, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बन गई है.
पिछले साल सरकार ने आयुष्मान वय वंदना योजना की शुरुआत कर इस सुविधा को 70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों तक, उनकी आय की परवाह किए बिना, पहुंचाया है. इसके साथ ही आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत 77 करोड़ से अधिक हेल्थ अकाउंट बनाए गए हैं, जो नागरिकों को एक एकीकृत और डिजिटल स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क से जोड़ते हैं. यह पहल न सिर्फ इलाज को आसान बनाती है, बल्कि सुलभ, सस्ती और भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक बड़ा कदम है.
पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana)
हाउसिंग फॉर ऑल (Housing for All) मिशन ने देश के करोड़ों लोगों का पक्का घर पाने का सपना साकार किया है. पहले जहां शहरी और ग्रामीण भारत के कई परिवारों के लिए अपना घर सिर्फ एक सपना था, वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) ने इस सोच को बदल दिया. इस योजना के दो हिस्से – शहरी और ग्रामीण हैं. अब तक कुल लगभग 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं.
PMAY-Urban के तहत 92.72 लाख से अधिक घर दिए जा चुके हैं, जिनमें 90 लाख से ज्यादा महिलाओं के नाम रजिस्टर्ड हैं, जो महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है. वहीं PMAY-Grameen के तहत 2.77 करोड़ ग्रामीण घर बने हैं, जिनमें से 60% अनुसूचित जातियों और जनजातियों को आवंटित हुए हैं और 25.29% महिलाओं के नाम दर्ज हैं, जिससे सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता को मजबूती मिली है.
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)
कोरोना महामारी (COVID-19) के दौरान जब देशभर में आर्थिक गतिविधियां ठप हो गईं थी, तब गरीबों और जरूरतमंदों को राहत देने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की शुरुआत की. इस योजना ने तेजी और व्यापक स्तर पर प्रतिक्रिया दी, और अप्रैल 2020 से अब तक 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया गया. वर्ष 2028 तक इसके लिए 11.80 लाख करोड़ का बजट तय किया गया है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजना बनाता है. इसका मकसद एक ही है – कोई भी भारतीय भूखा न सोए.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) का उद्देश्य छोटे व्यापारों और उद्यमों को बिना गारंटी के 20 लाख तक का लोन उपलब्ध कराना है, ताकि वे निर्माण, व्यापार, सेवाएं और कृषि जैसे कार्यों से आमदनी कमा सकें. मार्च 2025 तक इस योजना के तहत 52.77 करोड़ से अधिक लोन खाते खोले जा चुके हैं. कुल 34.11 लाख करोड़ रुपये के लोन स्वीकृत हुए हैं और 33.33 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है. इन लोन में से अधिकांश लाभार्थी SC, ST और OBC समुदायों से हैं और लगभग 68 फीसदी लोन महिलाओं को दिए गए हैं. यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही है.
पीएम मानधन योजना (PM-SYM)
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) के तहत 60 साल की आयु के बाद असंगठित श्रमिकों को 3000 रुपये मंथली पेंशन सुनिश्चित की जाती है. यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है. मई 2025 तक इस योजना में 51.35 लाख से अधिक श्रमिक शामिल हो चुके हैं.
इसके अलावा सरकार ने ई-श्रम पोर्टल असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए एक राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. इस पोर्टल के माध्यम से असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ, कौशल विकास और रोज़गार के अवसरों से जोड़ा जाता है. 29 मई 2025 तक 30.86 करोड़ से ज़्यादा श्रमिक इस पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें से 53.75% महिलाएं हैं.
इन योजनाओं ने भारतीय समाज की बुनियादी जरूरतों को सीधे संबोधित किया है. मोदी सरकार की ये योजनाएं केवल नीतिगत घोषणाएं नहीं रहीं, बल्कि जमीन पर उतर कर आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने का माध्यम बनी हैं. इनका असर अब गांव से शहर तक हर वर्ग पर साफ दिखाई दे रहा है. यही कारण है कि ये योजनाएं आज “गेमचेंजर” के रूप में पहचानी जाती हैं और भविष्य में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं.