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PM Vishwakarma Yojana: 2025 Apply में पीएम विश्वकर्मा योजना का स्टेटस हुआ घोषित, जानिए आपके लिए क्या नई सुविधाएं आईं

Published On: September 2, 2025
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PM Vishwakarma Yojana: 2025 Apply में पीएम विश्वकर्मा योजना का स्टेटस हुआ घोषित, जानिए आपके लिए क्या नई सुविधाएं आईं

प्रमुख बिंदु

  • शुभारंभ वर्ष: 2023
  • योजना का प्रकार: केंद्रीय क्षेत्रक योजना
  • नोडल मंत्रालय: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME)
  • पात्रता: 18 वर्ष से अधिक आयु के पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार जो 18 चिन्हित व्यवसायों में संलग्न हों।

लाभ: 

  • ऋण सहायता:
      • 1 लाख रुपए तक  
      • 2 लाख रुपए तक
      • भारत सरकार द्वारा 8% तक ब्याज अनुदान सीमा के अधीन 
      • ऋण गारंटी शुल्क भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा
    • कौशल उन्नयन:
      • कौशल पहचान के बाद 5 दिन का बुनियादी प्रशिक्षण
      • 15 अथवा उससे अधिक दिन की उन्नत प्रशिक्षण
      • प्रशिक्षण वृत्ति: 500 रुपए प्रतिदिन 
    • टूलकिट प्रोत्साहन: 
      • शुरुआत में DBT के माध्यम से 15,000 रुपए और तत्पश्चात्  ई-RUPI/ईवाउचर के माध्यम से अंतरण तथा 500 रुपए की दैनिक वृत्ति, बाज़ार संपर्क, डिजिटल एकीकरण
  • लक्ष्य: कारीगरों और शिल्पकारों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में उन्नत करना और एकीकृत करना।
  • कुल परिव्यय: 5 वर्ष 2023-24 से 2027-28 के लिये 13,000 करोड़ रुपए

PM विश्वकर्मा योजना क्या है? 

  • PM विश्वकर्मा एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है जिसे 17 सितंबर, 2023 को हाथों और उपकरणों की सहायता से कार्य करने वाले पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिये शुरू किया गया था। 
  • पात्रता:
    • आवेदक को स्वरोज़गार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में 18 परिवार आधारित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में हाथों और औज़ारों की सहायता से कार्य करने वाला कारीगर या शिल्पकार होना चाहिये
    • पंजीकरण के समय उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिये तथा पंजीकरण के समय वह व्यापार में सक्रिय रूप से कार्यरत होना चाहिये।
    • गत 5 वर्षों में उसके द्वारा प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), मुद्रा, PM स्वनिधि के तहत ऋण नहीं लिया गया हो, सिवाय ऐसे व्यक्तियों के जिन्होंने पूर्ण रूप से अपना ऋण चुका दिया है।
    • प्रति परिवार केवल एक सदस्य (पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे) को लाभ मिल सकता है।
  • अपवाद:
    • सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य इसके पात्र नहीं हैं।
  • पात्र व्यवसाय:
    • सूची को MSME मंत्रालय के अनुमोदन से राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा अद्यतन और संशोधित किया जा सकता है।
    • 18 पात्र व्यवसायों में बढ़ई, नाव निर्माता, शस्त्र निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, मोची/जूता बनाने वाला/जूता कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल निर्माण में संलग्न कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है ।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • मान्यता: लाभार्थियों को PM विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आई.डी. कार्ड प्राप्त होता है, जिससे उन्हें सभी योजना लाभों तक पहुँच प्राप्त होती है।
  • कौशल उन्नयन:
    • बुनियादी प्रशिक्षण (5-7 दिनों में 40 घंटे, 500 रुपए की प्रतिदिन वृत्ति): इसमें कौशल संवर्द्धन, आधुनिक उपकरणों का उपयोग, डिजिटल लेनदेन और विपणन शामिल हैं।
    • उन्नत प्रशिक्षण (15 दिन, 500 रुपए की प्रतिदिन वृत्ति): उद्यमिता, आधुनिक प्रौद्योगिकी और व्यवसाय विस्तार पर केंद्रित।
    • टूलकिट प्रोत्साहन: आधुनिक उपकरण खरीद, उत्पादकता और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार के लिये ई-रूपी/ई-वाउचर के माध्यम से 15,000 रुपए तक प्रदान किये जाते हैं।
    • ऋण सहायता: व्यवसाय विकास को बढ़ावा देने के लिये ब्याज अनुदान के साथ ‘उद्यम विकास ऋण’ के रूप में 1 लाख रुपए (प्रथम किस्त) और 2 लाख रुपए (द्वितीय किस्त) का जमानत-मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है ।

किस्त (Tranche)

ऋण राशि (रु. में)

चुकौती की अवधि (महीनों में)

प्रथम किस्त

1 लाख तक

18 माह

द्वितीय किस्त

2 लाख तक

30 माह

  • डिजिटल सशक्तिकरण: लाभार्थियों को प्रति डिजिटल लेनदेन पर 1 रुपए मिलेंगे, प्रति माह 100 लेनदेन तक, प्रत्येक डिजिटल भुगतान या रसीद के लिये सीधे उनके खाते में जमा किया जाएगा।
  • बाज़ार समर्थन: गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, विज्ञापन के लिये 250 करोड़ रुपए का कोष।
  • प्रचार और अन्य विपणन गतिविधियाँ

योजना का कार्यान्वयन ढाँचा क्या है? 

  • कार्यान्वयन और निगरानी:
    • राष्ट्रीय संचालन समिति (NSC): NSC सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा गठित शीर्ष समिति होगी।
      • NSC को योजना के कार्यान्वयन के संबंध में सभी प्रमुख नीतिगत और रणनीतिक निर्णय लेने तथा योजना में आवश्यक  किसी भी संशोधन को मंजूरी देने का अधिकार होगा, जैसे कि व्यापार की अतिरिक्त श्रेणियों को शामिल करना।
      • समिति की बैठक, योजना-स्तरीय समीक्षा, पाठ्यक्रम सुधार या आवश्यकतानुसार समिति की राय में महत्त्वपूर्ण समझे जाने वाले किसी अन्य एजेंडे पर चर्चा के लिये वर्ष में कम से कम दो बार बुलाई जाएगी।
    • राज्य निगरानी समिति (SMC):
      • SMC राज्य स्तर पर योजना के परिचालन कार्यान्वयन और निगरानी के लिये ज़िम्मेदार होगी; यह NSC और क्षेत्र स्तरीय व्यवस्था के बीच एक सेतु के रूप में भी कार्य करेगी।
    • ज़िला कार्यान्वयन समिति (DIC):
      • DIC क्षेत्र स्तर पर योजना के वास्तविक क्रियान्वयन के लिये ज़िम्मेदार होगी तथा राज्य सरकार और अन्य समितियों के साथ समन्वय करेगी।
  • ऋण निरीक्षण समिति:
    • क्रेडिट ओवरसाइट समिति की अध्यक्षता सचिव (वित्तीय सेवा विभाग) करेंगे और इसके सदस्यों में सचिव (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय), सचिव (व्यय), RBI, SIDBI और CGTMSE का एक प्रतिनिधि शामिल होगा। 
    • समिति लाभार्थियों को ऋण के सुनिश्चित प्रवाह की निगरानी करेगी और इसका उचित वितरण सुनिश्चित करेगी। इसके अतिरिक्त, इसके पास प्रचलित ब्याज दरों के आधार पर योजना के तहत ब्याज छूट की सीमा की समीक्षा और संशोधन करने का अधिकार होगा।
    • कार्यान्वयन एजेंसियाँ: MSME मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE), और वित्तीय सेवा विभाग (DFS)।
  • निगरानी तंत्र:
    • कार्यान्वयन पर नज़र रखने के लिये राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कार्यक्रम प्रबंधन इकाइयाँ (PMU)।
    • निधि उपयोग और लाभार्थी परिणामों पर नज़र रखने के लिये डैशबोर्ड के साथ ऑनलाइन निगरानी प्रणाली (OMS)।
    • प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिये NSC और SMC द्वारा नियमित समीक्षा।

PM विश्वकर्मा योजना का प्रभाव क्या है?

  • आर्थिक सशक्तिकरण: वित्तीय सहायता, औपचारिक मान्यता और बेहतर ऋण पहुँच के माध्यम से कारीगरों की उत्पादकता, गुणवत्ता और व्यावसायिक मापनीयता को बढ़ाता है।
  • सांस्कृतिक संरक्षण: विरासत आधारित व्यापार को बनाए रखने के लिये आधुनिक कौशल, डिजिटल साक्षरता और वित्तीय प्रोत्साहन को एकीकृत करते हुए पारंपरिक शिल्प का समर्थन करता है।
  • सामाजिक समावेशन और लैंगिक समानता: विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिला कारीगरों को सशक्त बनाता है, और अनुसूचित जातियों और जनजातियों जैसे हाशिये पर पड़े समुदायों को समर्थन देकर समावेशिता को बढ़ावा देता है।

नवीनतम अद्यतन

जनवरी 2025 तक इस योजना के अंतर्गत 26.87 लाख लाभार्थियों को सफलतापूर्वक पंजीकृत किया जा चुका है।

PriyaBhatt

Mgmschool.in - MCA Graduate | Age: 25 | Languages: Hindi & English Experienced content creator with 5+ years in the field of educational news, government job updates, public welfare schemes, and career guidance. Passionate about delivering accurate and helpful information to empower students and job seekers across India.

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