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UPI को लेकर सरकार ने जारी किया नई गाइडलाइन, इतना अमाउंट से अधिक का पेमेंट करने पे लगेगा टैक्स UPI New Rules

Published On: August 12, 2025
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UPI New Rules: सरकार और एनपीसीआई ने यूपीआई के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी की है। अब कुछ मामलों में ₹1000 से अधिक के ऑनलाइन भुगतान पर टैक्स लग सकता है। डिजिटल पेमेंट अब रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है, लेकिन बार-बार होने वाले लेनदेन टैक्स अधिकारियों के राडार पर आ सकते हैं। छोटे-छोटे भुगतान भी साल भर में बड़ी राशि बन जाते हैं, इसलिए नियमों को जानना जरूरी है। यह बदलाव पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए हैं।

छोटे भुगतान भी आ सकते हैं जांच में
यदि कोई व्यक्ति रोजाना ₹400 जैसे छोटे भुगतान करता है, तो यह साल भर में लाखों रुपये का लेनदेन बन सकता है। यदि यह राशि किसी सेवा के बदले में ली जा रही है, तो इसे आय माना जाएगा और टैक्स रिटर्न में दिखाना जरूरी होगा। आयकर विभाग लेनदेन की रकम के साथ उसके पैटर्न पर भी नजर रखता है। लगातार और नियमित आने वाले भुगतान टैक्स जांच का कारण बन सकते हैं, भले ही वे छोटी राशि के हों।

डेटा शेयरिंग और निगरानी
गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसे यूपीआई ऐप्स का डेटा एनपीसीआई के माध्यम से आयकर विभाग तक पहुंच सकता है। इससे यह पता चलता है कि किस खाते में कितना और किस उद्देश्य से पैसा आया। घरेलू खर्च के लिए हुए भुगतान पर चिंता की जरूरत नहीं है, लेकिन व्यावसायिक सेवाओं के लिए मिले भुगतान को घोषित करना अनिवार्य है। नियमों के तहत पारदर्शिता बढ़ाने और गलत लेनदेन पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है।

कब लगेगा टैक्स
यदि आपकी वार्षिक आय टैक्स योग्य सीमा से अधिक है और आपको सेवाओं के बदले भुगतान मिलता है, तो टैक्स देना अनिवार्य होगा। इसमें ट्यूशन, फ्रीलांसिंग, ऑनलाइन काउंसलिंग, डिजाइनिंग जैसी सेवाएं शामिल हैं। घरेलू या निजी उपयोग के लिए किए गए भुगतान पर टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन बार-बार आने वाली राशि चाहे कितनी भी छोटी हो, अगर वह आय के रूप में है तो उसे रिटर्न में दिखाना पड़ेगा।

लेनदेन की नई सीमाएं
यूपीआई प्लेटफॉर्म्स पर कुछ नई सीमाएं तय की गई हैं। अब एक दिन में 50 से अधिक बार बैलेंस चेक करने पर सीमा लागू होगी। इसके अलावा अनावश्यक ट्रांजैक्शन कम करने की सलाह दी गई है, ताकि सर्वर पर दबाव कम हो सके। बड़े लेनदेन को प्राथमिकता दी जा रही है और छोटे-छोटे नियमित भुगतान को नियंत्रित करने के लिए निगरानी बढ़ाई गई है। यह बदलाव सुरक्षित और स्थिर डिजिटल भुगतान प्रणाली बनाए रखने के लिए किए गए हैं।

सावधानी और सुझाव
यदि आप डिजिटल भुगतान का नियमित उपयोग करते हैं, तो लेनदेन का रिकॉर्ड सही तरीके से रखें। अनावश्यक या बार-बार के ट्रांजैक्शन से बचें और सेवाओं के बदले मिले भुगतान को रिटर्न में शामिल करें। घरेलू खर्च के लिए यूपीआई का प्रयोग सामान्य है, लेकिन व्यावसायिक लेनदेन के लिए टैक्स नियमों का पालन करना जरूरी है। समय पर जानकारी अपडेट करना और नियमों का पालन करना आपको टैक्स से जुड़ी परेशानियों से बचा सकता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। टैक्स और यूपीआई लेनदेन से जुड़ी सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोत या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।

PriyaBhatt

Mgmschool.in - MCA Graduate | Age: 25 | Languages: Hindi & English Experienced content creator with 5+ years in the field of educational news, government job updates, public welfare schemes, and career guidance. Passionate about delivering accurate and helpful information to empower students and job seekers across India.

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